hindi poetry - An Overview
झगा करेगा अविरत मरघट, जगा करेगी मधुशाला।।२२। जगती की शीतल हाला सी पथिक, नहीं मेरी हाला, पथिक बना मैं घूम रहा हूँ, सभी जगह मिलती हाला, बड
झगा करेगा अविरत मरघट, जगा करेगी मधुशाला।।२२। जगती की शीतल हाला सी पथिक, नहीं मेरी हाला, पथिक बना मैं घूम रहा हूँ, सभी जगह मिलती हाला, बड